वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१८ मई, २०१८<br />अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नोएडा<br /><br />गीत: तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br /><br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों और भी कुछ याद आता है<br />आज का अपना प्यार नहीं है जन्मों का यह नाता है<br /><br />एक तेरे बिना इस दुनिया की हर चीज अधूरी लगती है<br />तुम पास हो कितने, पास मगर, नजदीकी भी दूरी लगाती है<br />प्यार जिन्हें हो जाए उन्हें कुछ और नज़र कब आता है<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों और भी कुछ याद आता है<br /><br />मर के भी कभी जो ख़त्म ना हो, ये प्यार का वो अफ़साना है<br />तुम भी तो हमारे साथ चलो, तो हमको वह तक जाना है<br />वो झूम के अपनी धरती से, आकाश जहाँ मिल जाता है<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों और भी कुछ याद आता है<br /><br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों और भी कुछ याद आता है<br />आज का अपना प्यार नहीं है जन्मों का यह नाता है<br /><br />गीत: तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />संगीतकार: लता, शब्बीर कुमार<br />फ़िल्म: प्यार झूकता नहीं (१९८५)<br />बोल: एस. एच. बिहारी<br /><br /><br />संगीत: मिलिंद दाते